वीर बाजी प्रभु देशपांडे जी की पुण्यतिथि पर उनको शत शत नमन
पवनखिंड की लड़ाई
शिवाजी महाराज भारी दिल के साथ था जब वह बाजी, एक भावना आत्मा tugging की है कि वह अपने जीवन के बाकी के लिए करेंगे की मौत के बारे में पता चला. बाजी सम्मान में, वह अपने जीवन के बाकी के लिए पवन - तरह के रूप में पास Ghod तरह (पवन अर्थ शुद्ध, इस महान मराठा हिंदू शहीद के खून से शुद्ध.) का नाम शिवाजी भी बाजी बच्चों के लिए अभिभावक के रूप में कार्य करेगा.
सम्मान की तलवार Bandal शिवसेना (मराठा वारियर्स) जो बाजी प्रभु देशपांडे के साथ सख्ती से लड़ा दिया गया था. शिवाजी व्यक्तिगत रूप से मारे गए बाजी प्रभु के घर का दौरा किया, पुणे जिले में भोर पास Kasabe सिंध के गांव में स्थित है. अपने बड़े बेटे, किसी अनुभाग के प्रमुख के रूप में नौकरी की पेशकश की थी. अन्य 7 बेटों Palkhi का सम्मान दिया गया. मृत संभाजी जाधव, Dhanaji जाधव के पुत्र forces.the मराठा में शामिल किया गया था. शिवाजी महाराज भी बाजी प्रभु परिवार के लिए "manache pahile पान" ("न्यायालय के सम्मान) दिया.
Bajiprabhu देशपांडे और शिव नाई के बलिदान की एक किंवदंती ही है. आज भी महाराष्ट्र की यात्रा से कई युवकों पन्हाला और विशाल गढ़ के किलों के बीच शिवाजी द्वारा उठाए गए मार्ग पर. दूरी 70 किमी के आसपास है. पवन खिंड (पन्हाला) की लड़ाई महाराष्ट्र में कई रोब प्रेरणादायक renditions के लोककथाओं के रूप में किया गया पाठ है.
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