Monday, 5 June 2017


राष्ट्र की एकता, प्रभुसत्ता, अखंडता व सुरक्षा के खिलाफ कार्य करने वाले के खिलाफ कभी कभी राष्ट्र हित में सुरक्षा हेतु कठोर निर्णय लेने की ज़रूरत होती हैं।
देश की सुरक्षा व हित सभी चीजों से ऊपर है इसे स्वीकार करने में किसी सच्चे देशवासी को दिक्कत नहीं होनी चाहिये।
मुझे इस समय अपने अग्रज स्व .आदर्श ' प्रहरी ' जी की कुछ पंक्तियां याद आ रहीं हैं -
" समझौते तो हों ,पर इतना य़ाद हो ,
राष्ट्र प्रथम हो ,जो हो इसके बाद हो ,
रखें सभी के प्रति हम सदभावना ,
ऐसा न हो ,बाद में पश्चाताप हो ."
जय हिन्द
भारत माता की
जय वन्दे मातरम

#its_kamboj


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