Saturday, 10 June 2017



भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद राम प्रसाद "बिस्मिल" जी को उनके जन्म दिवस पर शत शत नमन।
My tribute to the great Indian freedom fighter Shaheed Ram Prasad "Bismil" Ji on his birth anniversary.



 
देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर[1] हो
हाथ में हो हथकड़ी, पैरों पड़ी ज़ंजीर हो

सर कटे, फाँसी मिले, या कोई भी तद्बीर[2] हो
पेट में ख़ंजर दुधारा या जिगर में तीर हो

आँख ख़ातिर तीर हो, मिलती गले शमशीर हो
मौत की रक्खी हुई आगे मेरे तस्वीर हो

मरके मेरी जान पर ज़ह्मत[3] बिला ताख़ीर[4] हो
और गर्दन पर धरी जल्लाद ने शमशीर हो

ख़ासकर मेरे लिए दोज़ख़ नया तामीर[5] हो
अलग़रज़[6] जो कुछ हो मुम्किन वो मेरी तहक़ीर[7] हो

हो भयानक से भयानक भी मेरा आख़ीर हो
देश की सेवा ही लेकिन इक मेरी तक़्सीर[8] हो

इससे बढ़कर और भी दुनिया में कुछ ताज़ीर[9] हो
मंज़ूर हो, मंज़ूर हो मंज़ूर हो, मंज़ूर हो

मैं कहूँगा ’राम’ अपने देश का शैदा हूँ मैं
फिर करूँगा काम दुनिया में अगर पैदा हूँ मैं

 शब्दार्थ 
  1. कष्ट की कल्पना 
  2. पेशबन्दी 
  3. क्लेश 
  4. अविलम्ब 
  5. निर्माण
  6. अधिक क्या कहूँ, किंबहुना  
  7. दुर्दशा
  8. गुनाह, 
  9. अपराध








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